समाचार-
समाचार को अंग्रेजी में न्यूज, हिन्दी में समाचार, संस्कृत में वार्ता और उर्दू में खबर कहा जाता है। न्यूज शब्द का प्रचलन सबसे पहले सन् 1550 के बाद मिलता है। इससे पहले 1423 ई में न्यूइज, 1455 ई में न्यूयेस और 1523 ई में न्यूइस शब्दों का प्रयोग किया जाता था। न्यूज शब्द चार अक्षरों के माध्यम से चार दिशाओं का सूचक भी है जैसे नार्थ यानि उत्तर, ईस्ट यानि पूर्व, वैस्ट यानि पश्चिम और साउथ यानि दक्षिण। इसीलिए हेडन ने अपने शब्दकोष में कहा है कि सब दिशाओं की घटनाओं को समाचार कहते हैं।
समाचार की परिभाषा-
समाचार क्या है? न्यूयार्क की सन पत्रिका के सम्पादक जान बी बोगार्ट के मुताबिक - जब कुत्ता आदमी को काटता है तो वह समाचार नहीं है परन्तु यदि कोई आदमी कुत्ते को काट ले, तो वह समाचार होगा।
पर्याप्त संख्या में मनुष्य जिसे जानना चाहें, वह समाचार है शर्त यह है कि वह सुरूचि तथा प्रतिष्ठा के नियमों का उल्लंघन न करे- जे जे सिडलर
समाचार किसी सामयिक घटना का महत्वपूर्ण तथ्यों का परिशुद्ध तथा निष्पक्ष विवरण होता है जिससे उस समाचार पत्र में पाठकों की रूचि होती है। जो इस विवरण को प्रकाशित करता है। - के पी नारायणन
इसके अलावा समाचार वह है-
- समाचार कोई भी बात है जो सामान्य से परे हो।
- अचानक जो घटे वह समाचार है।
- पाठक जिसे जानना चाहें वह समाचार है।
- जिसे कोई दबाना चाहे वह समाचार है बाकी सब विज्ञापन है।
- एक योग्य पत्रकार जो लिखता है वह समाचार है।
- समाचार किसी ऐसे प्रचलित विचार, घटना या समस्या का विवरण होता है, जिसमें लोगो की रूचि होती है।
(पुस्तकः पत्रकारिता एवं जनसंचार विविध आयाम - सुरेश वर्मा, पृष्ठ संख्या- 64 और 65)
न्यू का अर्थ होता है नया न्यूज हुआ उसका बहुवचन, यानि ताजा से ताजा और नई से नई बात समाचार हाती है।
लेकिन, परिभाषा के बिना भी समाचार का बोध पाठका को उस स्पंदन से होता है जो वह उसे पढ़कर प्राप्त करता है। समाचार का बोध उस आंशिक या पूर्ण संतोष से भी होता है जब पाठक उसे पढ़कर अपने को अधिक सूचित, ज्यादा शिक्षित पाता है। स्पंदनकारी वही होगा जो मन-मस्तिष्क को दिलचस्प लगे। मानसिक संतोष उससे मिलेगा जो महत्वपूर्ण जानकारी देगा। अतः समाचार को सदैव नया, दिलचस्प, मनोरंजक और महत्वपूर्ण होना चाहिए।
(पुस्तकः समाचार संकलन और लेखन - प्रो. एन के त्रिखा, पृष्ठ संख्या-7)
उन महत्वपूर्ण घटनाओं की जिसमें जनता की दिलचस्पी हो, पहली रिपोर्ट को समाचार कह सकते हैं।
- टूरी सी हापवुड
किसी सामयिक घटना का विवरण जिसका किसी समाचार पत्र के संपादकीय विभाग ने संपादन कर्मियों द्वारा चयन किया गया हो, क्योंकि वह पाठकों के लिए रूचिकर एवं महत्वपूर्ण है, अथवा उसे ऐसा बनाया गया है। - विलियम जी ब्लेयर
प्रख्यात पत्रकार स्वर्गीय मनुकोंडा चेलापति राव के मुताबिक - समाचार की नवीनता इसी में है कि वह परिवर्तन की जानकारी दे। वह जानकारी चाहे राजनीतिक, सामाजिक अथवा आर्थिक कोई भी हो। परिवर्तन में भी उत्तेजना होती है।
पत्रकार हार्पर लीच और जान सी कैरोल (शिकागो के पत्रकार) ने समाचार को एक गतिशील साहित्य बताया है।
(पुस्तकः पत्रकारिता के मूल तत्व- डा ए आर डंगवाल, पृष्ठ संख्या - 7)
समाचार को अंग्रेजी में न्यूज, हिन्दी में समाचार, संस्कृत में वार्ता और उर्दू में खबर कहा जाता है। न्यूज शब्द का प्रचलन सबसे पहले सन् 1550 के बाद मिलता है। इससे पहले 1423 ई में न्यूइज, 1455 ई में न्यूयेस और 1523 ई में न्यूइस शब्दों का प्रयोग किया जाता था। न्यूज शब्द चार अक्षरों के माध्यम से चार दिशाओं का सूचक भी है जैसे नार्थ यानि उत्तर, ईस्ट यानि पूर्व, वैस्ट यानि पश्चिम और साउथ यानि दक्षिण। इसीलिए हेडन ने अपने शब्दकोष में कहा है कि सब दिशाओं की घटनाओं को समाचार कहते हैं।
समाचार की परिभाषा-
समाचार क्या है? न्यूयार्क की सन पत्रिका के सम्पादक जान बी बोगार्ट के मुताबिक - जब कुत्ता आदमी को काटता है तो वह समाचार नहीं है परन्तु यदि कोई आदमी कुत्ते को काट ले, तो वह समाचार होगा।
पर्याप्त संख्या में मनुष्य जिसे जानना चाहें, वह समाचार है शर्त यह है कि वह सुरूचि तथा प्रतिष्ठा के नियमों का उल्लंघन न करे- जे जे सिडलर
समाचार किसी सामयिक घटना का महत्वपूर्ण तथ्यों का परिशुद्ध तथा निष्पक्ष विवरण होता है जिससे उस समाचार पत्र में पाठकों की रूचि होती है। जो इस विवरण को प्रकाशित करता है। - के पी नारायणन
इसके अलावा समाचार वह है-
- समाचार कोई भी बात है जो सामान्य से परे हो।
- अचानक जो घटे वह समाचार है।
- पाठक जिसे जानना चाहें वह समाचार है।
- जिसे कोई दबाना चाहे वह समाचार है बाकी सब विज्ञापन है।
- एक योग्य पत्रकार जो लिखता है वह समाचार है।
- समाचार किसी ऐसे प्रचलित विचार, घटना या समस्या का विवरण होता है, जिसमें लोगो की रूचि होती है।
(पुस्तकः पत्रकारिता एवं जनसंचार विविध आयाम - सुरेश वर्मा, पृष्ठ संख्या- 64 और 65)
न्यू का अर्थ होता है नया न्यूज हुआ उसका बहुवचन, यानि ताजा से ताजा और नई से नई बात समाचार हाती है।
लेकिन, परिभाषा के बिना भी समाचार का बोध पाठका को उस स्पंदन से होता है जो वह उसे पढ़कर प्राप्त करता है। समाचार का बोध उस आंशिक या पूर्ण संतोष से भी होता है जब पाठक उसे पढ़कर अपने को अधिक सूचित, ज्यादा शिक्षित पाता है। स्पंदनकारी वही होगा जो मन-मस्तिष्क को दिलचस्प लगे। मानसिक संतोष उससे मिलेगा जो महत्वपूर्ण जानकारी देगा। अतः समाचार को सदैव नया, दिलचस्प, मनोरंजक और महत्वपूर्ण होना चाहिए।
(पुस्तकः समाचार संकलन और लेखन - प्रो. एन के त्रिखा, पृष्ठ संख्या-7)
उन महत्वपूर्ण घटनाओं की जिसमें जनता की दिलचस्पी हो, पहली रिपोर्ट को समाचार कह सकते हैं।
- टूरी सी हापवुड
किसी सामयिक घटना का विवरण जिसका किसी समाचार पत्र के संपादकीय विभाग ने संपादन कर्मियों द्वारा चयन किया गया हो, क्योंकि वह पाठकों के लिए रूचिकर एवं महत्वपूर्ण है, अथवा उसे ऐसा बनाया गया है। - विलियम जी ब्लेयर
प्रख्यात पत्रकार स्वर्गीय मनुकोंडा चेलापति राव के मुताबिक - समाचार की नवीनता इसी में है कि वह परिवर्तन की जानकारी दे। वह जानकारी चाहे राजनीतिक, सामाजिक अथवा आर्थिक कोई भी हो। परिवर्तन में भी उत्तेजना होती है।
पत्रकार हार्पर लीच और जान सी कैरोल (शिकागो के पत्रकार) ने समाचार को एक गतिशील साहित्य बताया है।
(पुस्तकः पत्रकारिता के मूल तत्व- डा ए आर डंगवाल, पृष्ठ संख्या - 7)
धन्यावाद सरजी, आपके नोटस कि मद्द से मुझे काफी सहायता मिली है और आशा करता हुँ की आगे भी इसी तरह आप हम छात्रो का उद्दार करते रहेंगे।
ReplyDeleteवाह सर आपने मुझमें एक नया जोश भर दिया है । आपके इस लेख से जो मुझे प्रेंप्णा मिली उसका में सही शब्दो मे उच्चारण नही कर सकता आप जैसे सम्मानित महान व्यक्तियों की ही बदौलत हम जैसे युवाओं में कुछ कर गुजरने की चाहत उत्पन्न हो जाती अल्लाह से दुआ करता हूँ ।आपको जैसे सम्मानित लोगों को अल्लाह सलामत रखे और आप इसी तरह से हम युवाओं में एक नया जोश व हमें मार्गदर्शन करते रहें । आमीन सर जी । मेरा वाट्सअप नंबर 9456010683 प्लीज़ आप ज़रूर मुझे अपना वाट्सअप नंबर दीजियेगा
ReplyDeleteवाह सर आपने मुझमें एक नया जोश भर दिया है । आपके इस लेख से जो मुझे प्रेंप्णा मिली उसका में सही शब्दो मे उच्चारण नही कर सकता आप जैसे सम्मानित महान व्यक्तियों की ही बदौलत हम जैसे युवाओं में कुछ कर गुजरने की चाहत उत्पन्न हो जाती अल्लाह से दुआ करता हूँ ।आपको जैसे सम्मानित लोगों को अल्लाह सलामत रखे और आप इसी तरह से हम युवाओं में एक नया जोश व हमें मार्गदर्शन करते रहें । आमीन सर जी । मेरा वाट्सअप नंबर 9456010683 प्लीज़ आप ज़रूर मुझे अपना वाट्सअप नंबर दीजियेगा
ReplyDeleteI have written a book titled 'Vyavharik Patrakarita'(to be published). Hope it will be more useful for the students of Journalism and people working in media organization. Thanks
ReplyDeleteRam Nivas kumar
Writer-cum-Poet
Durgapuri, Malighat
Muzaffarpur, Bihar
94 700 27048
rnkddmuz@gmail.com