संचार का सामान्य भाषा में अर्थ है- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना या संदेश को संप्रेषित करना या किसी सूचना या तकनीक को दूसरे तक पहुंचाना। यह शब्द संस्कृत के चर धातु से पैदा हुआ है। जिसका अभिप्राय है-चलना। अपने व्यापक अर्थ में इसका प्रयोग चलने, दौड़ने जैसी क्रियाओं के लिए होता है। लेकिन आज संचार शब्द एक तकनीकी शब्द बन चुका है। जो अंग्रेजी के कम्युनिकेशन का हिन्दी रूपांतर है। यह शब्द वास्तव में लैटिन भाषा की कम्युनिकेयर क्रिया से निकलकर आया है। जिसका आशय है to take together, confer, discourse and consult on with another यह लैटिन भाषा के कम्युनिस शब्द से भी जुड़ता है जिसका अर्थ है to take common, to share, to import, to train, to transfer अर्थात सामान्यीकरण, सामान्य भागीदारीयुक्त सूचना, संप्रेषण यानि इसे समझ या साझा आधार भी कहा जा सकता है। संचार के स्थान पर एक अन्य शब्द संप्रेषण का भी प्रयोग किया जाता है। लेकिन कम्युनिकेशन के लिए संचार शब्द ही अधिक उपयुक्त है।
इस प्रकार संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे के विचारों को समझता है, सहभागी होता है तथा आपसी समझदारी बढ़ाता है।
एन्साइक्लोपीडिया आफ कम्युनिकेशन के अनुसार- the transfer of thoughts and messages are contrasted with transportation of goods and persons. अर्थात विचारों या संदेशों के आदान-प्रदान को संचार कहते हैं जो चीजों और व्यक्तियों की ढुलाई या परिवहन से अलग है।
राबर्ट एंडरसन के अनुसार- वाणी, लेखन या संकेतों के द्वारा विचारों, अभिमतों अथवा सूचना का विनिमय करना संचार कहलाता है।
बैरलों के अनुसार- संचार में अर्थ संचारित नहीं होता। अर्थ न तो संचारित होते हैं और न ही स्थानांतरित होते हैं। केवल संदेश ही संचारित होते हैं तथा संदेश में अर्थ नहीं होते, वे तो संप्रेषक में होते हैं जो संदेश देते हैं।
विल्बर श्राम के अनुसार- संचार में एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के साथ एक ऐक्य या सामान्यतया की स्थापना समाहित होती है।
पीटर लिटिल के अनुसार- संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सूचना व्यक्तियों या संगठनों के बीच संप्रेषित की जाती है ताकि समझ में वृद्धि हो।
जे पाल लीगन्स के अनुसार- संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति विचार, तथ्य, भावनाओं का विनिमय करते हैं ताकि दोनो की समझ बढे़।
ए बी शनमुगन के अनुसार- ज्ञान, अनुभव, संवेदना, विचार और यहां तक कि अस्तित्व में होने वाले अभिनव परिवर्तनों की साझेदारी ही संचार है।
डा हरिमोहन के अनुसार- संचार एक जटिल प्रक्रिया का परिणाम है। जिसके द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच अर्थपूर्ण संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है। ये अर्थपूर्ण संदेश भेजने वाले और संदेश पाने वालों के बीच एक समझदारी या साझेदारी बनाते हैं।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्ति संकेत, चित्र या भाषा के द्वारा अपनी सूचनाओं, भावनाओं, विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। उपर्युक्त परिभाषाओं के संदर्भ में हमारे सामने तीन बातें उभर कर आई हैं-
1. यह विनिमय या सूचना प्रेषण मौखिक, लिखित अथवा संकेतों में ही हो सकता है लेकिन जिस रूप में हो, वह अर्थपूर्ण संदेश होना चाहिए। बिना अर्थ के यह संदेश व्यर्थ है।
2. संचार एक जटिल प्रक्रिया होती है। इससे हमारे वाक् अवयवों से लेकर अनेक प्रकारी की मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
3. संदेश अर्थपूर्ण हो और उनका प्रभाव दूसरे लोगों पर होना चाहिए। वे कुछ प्रतिक्रिया दें, यह भी आवश्यक है।
(पुस्तकः संचार और फोटो पत्रकारिता- डा रमेश मेहरा, पृष्ठ संख्या- 13, 14 और 15)