#डिजिटलहिंदीभारत अभियान — #digitalhindiindia movement
— प्रो. (डॉ.) सचिन बत्रा - Prof. (Dr.) Sachin Batra
— प्रो. (डॉ.) सचिन बत्रा - Prof. (Dr.) Sachin Batra
The "Digital Hindi India", an exclusive and innovative training was developed in January 2011 after successfully achieving the handsome experience of 15 years in Print Journalism & TV News Reporting. The 40 minutes workshop is specially crafted for the students of Journalism & Mass Communication to help them work in digital Hindi. During this rare workshop, the students of Media Studies are taught about the alphabet arrangements of Unicode Hindi (Mangal) on the keyboard while playing the mind byte game. It will surprise you that, no computer or keyboard is used during the innovative session of "Play and Learn". The students don't even write or make notes they are provided a single coded paper of Alphabetical Design, which is destroyed by the students within 48 hours. following the workshop tips the students are encouraged to practice for a week and then involved with the reporting, writing and newspaper production activity. This way they earn a skill and polish their presentation for all communication techniques required by the media.
These workshops helped students to achieve jobs during Internships, as it is not a center point of training in the Institutes, Colleges as well as Universities also. Whereas the high number of jobs are offered in Hindi by Newspapers, Magazines, TV Channels, Radio Broadcast, by other companies for Content Writing, Book Publishing, Translation, Public Relations, Websites, Digital Platforms, Marketing, Product Sales, etc. Unfortunately, the key skill is ignored / not identified or not categorized for training, the reason followed with a question that- Who will train? As an industry professional, I took that challenge to transform the industry desired skills among the students, to develop them as productive, eligible and most suitable skilled candidates for the jobs. The workshop really helped the students to translate their dreams into reality and hundreds of students are now working in the reputed brands of Media. The achievements of the students motivated me with their success stories to continue with the workshop termed by the students as 'Magic for Media' and the journey of #digitalhindiindia is on and on and on..............
अखबारों और समाचार चैनल में लगभग 15 साल कार्य करने के बाद जब पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थियों को पढ़ाने का अवसर मिला तो यह पाया कि उन्हें कंप्युटर पर हिंदी यानि मंगल लेखन कोई नहीं सिखाता। जिसकी वजह से छात्र—छात्राओं में वही कौशल विकसित नहीं हो पाता, जिसे मीडिया में प्रवेश की पहली सीढ़ी कहा जाता है। लिहाजा वर्ष 2011 में एक नवाचार विकसित कर उसे डिजिटल हिंदी भारत अभियान के तहत एक प्रयोग के रूप में कार्यशाला आयोजित कर विद्यार्थियों को खेल—खेल में कंप्युटर पर हिंदी लेखन सिखाया गया। दिलचस्प बात यह रही कि सिर्फ 40 मिनट की कार्यशाला ( #डिजिटलहिंदीभारत ) में विद्यार्थियों को कंप्युटर के की—बोर्ड पर अंकित ध्वन्याक्षरों के समूह को कंठस्थ यानि याद करवा दिया गया। वह हंसी खेल की कार्यशाला इतनी सफल हुई कि आज भी उस कार्यशाला के बाद सिर्फ एक सप्ताह अभ्यास के बाद पत्रकारिता के विद्यार्थी अपना ब्लॉग, समाचार, आलेख और मनपसंद कविता कहानियां आदि लिख लेते हैं।
सुखद बात यह रही कि अब तक बीजेएमसी और एमजेएमसी के लगभग 2000 विद्यार्थियों ने कौशल विकास की इस कार्यशाला में हिस्सा लिया। उसमें से बहुत अधिक संख्या में विद्यार्थी मीडिया में सम्मानित पदों पर कार्यरत हैं। सोचने वाली बात है कि हिंदी के समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की संख्या सबसे अधिक है लेकिन कंप्युटर पर हिंदी कोई नहीं सिखाता। लिहाजा कई विद्यार्थियों को डिजिटल हिंदी लेखन न आने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिलती।
कई विद्यार्थी तो इंटर्नशिप में पत्रकारिता पेशे की बारीकियां सीखने के बजाए डिजिटल हिंदी लिखने का अभ्यास करते हैं और समय समाप्त हो जाता है। चूंकि कंप्युटर पर पहले से हिंदी लेखन का अभ्यास नहीं होता तो इंटर्नशिप में भी नौकरी के अवसर हाथ नहीं आते। इसीलिए जरूरी है कि आप डिजिटल हिंदी यानि मंगल टाइपिंग सीखकर मीडिया में वांछित कौशल को विकसित करेंं।
डिजिटल हिंदी भारत अभियान का सफर #डिजिटलहिंदीभारत
IMS, NOIDA
आइएमएस, नोएडा में कार्यरत रहते हुए लगभग 5 वर्षो में सैकड़ो विद्यार्थियों को डिजिटल हिंदी भारत अभियान से जोड़कर कौशल विकास किया गया। जिसमें पत्रकारिता एवं जनसंचार के विद्यार्थियों का बहुत सहयोग मिला और रोजगार के क्षेत्र में उनकी सफलता ने कार्यशाला के महत्व को प्रमाणित भी किया। खास बात यह भी रही कि प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने महज दो हफ्ते में हिंदी सीखी, जिससे उत्साहित होकर उन्हें आगे बढ़ाया गया और बच्चों ने देश के नामचीन पत्रकारों से साक्षात्कार किया, जिसे प्रायोगिक समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया।
SHARDA UNIVERSITY
शारदा विश्वविद्यालय में भी बहुत विद्यार्थियों ने हिंदी सीखने में रूचि दिखाई और यहां सफर कुछ और आगे बढ़ा और छात्र—छात्राओं ने मार्गदर्शन के तहत हर महीने प्रायोगिक हिंदी समाचार पत्र भी प्रकाशित किया। खास बात यह थी कि शारदा में प्रिंट मीडिया प्रोडक्शन की दो घंटे की क्लास एक न्यूजरूम की तरह ही काम करती थी। विद्यार्थी अपने समाचार पर चर्चा करते और तय हो जाने के बाद उसकी रिपोर्टिंग और फोटोग्राफी की जाती थी। अचरज की बात तो यह रही कि नेपाल के विद्यार्थियों ने भी हिंदी में आलेख लिखे।
AMITY UNIVERSITY
एमिटी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी डिजिटल हिंदी भारत अभियान से जुड़े और उन्होंने भी कंप्युटर पर हिंदी लेखन के गुर सीखे और कौशल विकास कर नए आयाम तय किए। कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि डिजिटल हिंदी पर अच्छी पकड़ होने के बाद उन्हें अच्छे मीडिया संस्थानों ने इंटर्नशिप के दौरान सम्मानजनक नौकरी के अवसर प्राप्त हुए। यही नहीं डिजिटल हिंदी कौशल के कारण उन्हें अन्य विद्यार्थियों की अपेक्षा विशेष स्थान और प्राथमिकता मिली।
OTHER UNIVERSITIES & INSTITUTES
अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने भी डिजिटल हिंदी कौशल को सीखने में रूचि दिखाई और दो से तीन सप्ताह में ही अभ्यास कर टाइपिंग में गति हासिल की। कई विद्यार्थियों ने अपना ब्लॉग बनाया और लेखन को जारी रखा तो कुछ ने अध्ययन के दौरान ही स्वतंत्र लेखन से अपनी एक पहचान बनाई।
सुखद बात यह भी थी कि एमजेएमसी के विद्यार्थियों ने तो डिजिटल हिंदी सीखने के बाद अपने सारे प्रायोगिक कार्य यानि असाइनमेंट और लघु शोध यानि डेज़रटेशन भी स्वयं ही हिंदी में तैयार कर लिए और प्रिंट करवाकर जमा कराए। कई विद्यार्थियों ने तो प्रायोगिक समाचार पत्र भी कंप्युटर पर खुद ही तैयार कर लिया और उसकी रंगीन प्रतियां देखकर बाहरी परीक्षक भी बहुत प्रभावित हुए।
जिन विद्यार्थियों ने डिजिटल हिंदी लेखन सीखने के बाद अभ्यास जारी रखा, उन्हें बहुत लाभ हुआ। अचरज तब हुआ जब एक लॉ के विद्यार्थी ने कार्यशाला में हिंदी सीखने के बाद अपने कंप्युटर पर अभ्यास किया और कुछ महीनों बाद बताया कि वह कोर्ट के दस्तावेज और प्रोपर्टी के कागजात अब खुद ही हिंदी में तैयार कर लेता है। उसने बताया कि सिर्फ दस्तावेज तैयार करने से ही उसे अच्छी आमदनी हो जाती है। यह जानकर पहली बार अहसास हुआ कि हिंदी सीखने के कई फायदे हैं।
वैसे डिजिटल हिंदी सीखने से मीडिया के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार और स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त होता है। जैसे विदेश सेवा, दूतावास, अनुवाद, जनसंपर्क, सूचना सेवा, फिल्म, ओटीटी प्लेटफार्म, सोशल मीडिया प्रबंधन, वेबसाइट निर्माण, कंटेंट राइटिंग, राजभाषा अधिकारी, कारपोरेट कम्युनिकेशन, इवेंट मैनेजमेंट, स्क्रिप्ट राइटिंग आदि।
डिजिटल हिंदी भारत अभियान के तहत कंप्युटर पर हिंदी लेखन की कार्यशाला के बाद सैकड़ो विद्यार्थियों ने मीडिया सहित अन्य क्षेत्रों में भी वांछित काम और मुकाम हासिल कर कामयाबी की कई कहानियां लिखी। अपने विद्यार्थियों के उस विश्वास और परिश्रम पर हमेशा गर्व होता है।
नीचे दिए लिंक में उनकी कामयाबी और राय देखी जा सकती है—
यह बहुत ही गर्व और खुशी की बात है कि कौशल विकास से विद्यार्थियों को मीडिया में मनचाहा स्थान मिला। अब तक मेरे विद्यार्थी आज तक न्युज चैनल, इंडिया टीवी, एबीपी न्युज, न्युज 18 इंडिया, सीएनएन—आइबीएन, एनडीटीवी, ज़ी—न्युज, रिपब्लिक न्युज, इंडिया न्युज, सहारा समय, ईटीवी भारत, साधना न्युज, समाचार प्लस, पीटीसी, टीवी 100, फस्ट इंडिया न्युज, पारस टीवी, जीआरवी फिल्मस, मीडिया 24/7 इंकार्पोरेशन, फाइनेन्श्यिल एक्सप्रेस, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान सहित देश के लगभग सभी प्रमुख समाचार—पत्रों व न्युज चैनलों सहित डिजिटल समाचार वेबसाइट आदि में अपने काम कर ख्याति प्राप्त करते हुए प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं।
डिजिटल हिंदी भारत, कौशल विकास कार्यशाला के लिए संपर्क :-
प्रोफेसर (डॉ ) सचिन बत्रा
संपर्क 7771002340
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Latest Update
March 15, 2021
#digitalhindiindia search/ research/ innovation for low cost solution 1st phase completed @drsachinbatra
#मोबीप्युटर
#mobiputer
March 18, 2021
आखिरकार दस वर्षों के अनवरत प्रयासों के बाद महंगे कंप्युटर के चलते डिजिटल विभाजन को घटाने का किफायती विकल्प विकसित करने में सफलता प्राप्त हुई। साथ ही हिंदी पत्रकारिता के लिए अधूरे मोजो यानि मोबाइल पत्रकारिता को भी पूर्णता देने की कोशिश डिजिटल हिंदी इंडिया अभियान के तहत कामयाब हुई। यह खोज पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए भी सुविधाजनक होगी।
AT-AWWH Anytime Anywhere Write Hindi
#mobiputer
#मोबीप्युटर
🌈 जय हिंद 🙏
March 21, 2021
Mobiputer - a low cost solution developed
She is happy to have her own #mobiputer developed with an old mobile. Now learning English & Hindi composing.
खुश होकर कहती है कि मेरे पास मेरा अपना मिनी कंप्युटर #मोबीप्युटर है। पापा ने बनाया, मेरे लिए....
#digitalhindiindia
#डिजिटलहिंदीइंडिया
#मोबीप्युटर
#mobiputer
#Mobiputer
निष्कर्ष - एक दशक पूर्व निजी तौर पर शुरू किए गए अपने #डिजिटलहिंदीइंडिया अभियान के तहत यह #मोबीप्युटर समाधान हिंदी लेखन को आसान कर देगा, लेखन को गति देगा, साथ ही मोबाइल पत्रकारिता करने वाले मोजो पत्रकारों को भी कंप्युटर न होने पर कहीं भी कभी भी अपने समाचार लिखने की सुविधा और विकल्प देगा। यह समाधान ऐसे समय भी कारगर होगा जब आपका कंप्युटर साथ न दे रहा हो या कहीं अन्यत्र यात्रा करते समय आप अपने लेपटॉप की सुरक्षा को लेकर चिंतित हों या बोझ न उठाना चाहते हों। यह #मोबीप्युटर आपको कहीं भी अपने निजी कंप्युटर की कमीं महसूस नहीं होने देगा। यही नहीं यह किफायती समाधान खास तौर पर पत्रकारिता के उन विद्यार्थियों के लिए विकसित किया गया है जो कंप्युटर की महंगी कीमत के कारण डिजिटल सुविधाओं से वंचित रह गए हैं। वे इस समाधान के माध्यम से मंगल हिंदी/यूनिकोड हिंदी/देवनागरी इन—स्क्रिप्ट सहित कृतिदेव में भी तीव्र गति से काम कर सकेंगे।
🌈 जय हिन्द 🙏
APRIL 3, 2021
Best Digital Media Educator of the Year National Award
by- Media Federation of India, Delhi
@15th Media Excellence Awards 2021
मीडिया फैडरेशन आफ इंडिया द्वारा 3 अप्रेल को अपने 15वें मीडिया एक्सीलेस अवार्डस समारोह में #डिजिटलहिंदीइंडिया नवाचार अभियान के माध्यम से एक दशक तक पत्रकारिता के विद्यार्थियों का अनूठी कार्यशाला से कौशल विकास करने के लिए बेस्ट डिजिटल मीडिया एज्युकेटर आफ द इयर के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार आइएमए सभागार में मीडिया फैडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष श्री अरूण शर्मा सहित एएएफटी विश्वविद्यालय के चांसलर व नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक डॉ संदीप मारवाह ने प्रदान किया।
🌈 जय हिन्द 🙏 देशहित सर्वोपरि
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#मीडियासाक्षात्कार April 2, 2022 #mediasakshatkar
डिजिटल हिंदी भारत अभियान के तहत विद्यार्थियों के साथ एक दशक की यात्रा में ख्यातिनाम वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया विशेषज्ञों के साक्षात्कारों पर आधारित पुस्तक 'मीडिया साक्षात्कार' को देश के प्रतिष्ठित संस्थान मीडिया फैडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रकाशित किया।
आखिरकार एक दशक तक विद्यार्थियों के साथ बुना गया एक सपना सच हुआ और देश के जाने - माने 30 चुनिंदा पत्रकारों के साक्षात्कारों को मीडिया साक्षात्कार पुस्तक में प्रकाशित करने में सफलता प्राप्त की। इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए मीडिया फैडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री अरूण शर्मा जी को बहुत—बहुत साधुवाद कि उन्होंने प्रकाशन और विमोचन का संपूर्ण दायित्व निर्वाह किया।
2 अप्रेल 2022 को इस पुस्तक का विमोचन 16वे मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड समारोह के तहत दिल्ली के प्यारेलाल भवन में किया गया। मंच पर मीडिया साक्षात्कार पुस्तक लोकार्पण मारवाह स्टूडियो के चेयरमेन व एएएफटी विश्वविद्यालय के चांसलर माननीय डॉ.संदीप मारवाह जी, भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक माननीय प्रो.डॉ.संजय द्विवेदी जी, मीडिया फैडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आदरणीय श्री अरूण शर्मा जी, ऑल इंडिया रेडियो के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर आदरणीय श्री लक्ष्मीशंकर बाजपेयी जी, आज तक के डिप्टी एग्जीक्युटिव प्रोड्यूसर श्री सुप्रतिम बैनर्जी, टीवी 9 भारतवर्ष के एग्जीक्युटिव एडिटर श्री दिनेश गौतम, अमर उजाला के कंसल्टिंग एडिटर डॉ. प्रवीण तिवारी, इंडिया टीवी के सीनियर एग्जीक्युटिव प्रोड्यूसर श्री दिनेश कांडपाल, यूएनआई के डिप्टी एडिटर श्री आशुतोष भाटिया व पूर्व एंकर श्रीमती मीनाक्षी शेरॉन सहित पुस्तक में अध्याय लेखन करने वाले विद्यार्थियों ने किया। इस मौके पर मीडिया व मीडिया शिक्षण सहित जनसंपर्क विशेषज्ञ और विविध विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भी मौजूद थे। #मीडिया_साक्षात्कार #media-sakshatkar
#डॉ_सचिन_बत्रा #dr_sachin_batra #drsachinbatra_book_mediasakshatkar
#मीडियाफैडरेशनऑफइंडिया #मीडिया_फैडरेशन_ऑफ_इंडिया #mediafederationofindia
APRIL 26, 2024 Indian Institute of Mass Communication, IIMC - Delhi
Workshop on Digital Hindi Composing
#iimc_delhi @IIMC-India #indianinstititeofmasscommunication
🌈 जय हिन्द 🙏 देशहित सर्वोपरि